चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय नवां 1. यदि मुक्ति चाहते हो, तो समस्त विषय वासनाओं को विष के सामान छोड़ दो। और सहनशक्ति, नम्रता,
Author: lifetadka

चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय आठवां 1. निकुष्ठ लोग धन की कामना करते हैं, मध्यम लोग धन और यश दोनों चाहते हैं और उत्तम

चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय सातवां 1. बुद्धिमान पुरुष धन के नाश को, मन के संताप को, गृहिणी के दोषों को, किसी धूर्त ठग

चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय छठवांं 1. पक्षियों में कौआ, पशुओं में कुत्ता ऋषि-मुनियों में क्रोध करने वाला और मनुष्य में चुगली करने वाला

चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय पांचवांं 1. अग्नि देव ब्रह्मणों क्षत्रियों और वैश्यों के देवता हैं। ऋषि मुनियों के देवता हृदय में है। अल्प

चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय चौथा 1. यह निश्चय है कि शरीरधारी जीव के गर्भकाल मे ही आयु, कर्म, धन, विद्या, मृत्यु इन पाँचों

चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय तीसरा 1. दोष किसी के कुल में नहीं हैं ? कौन ऐसा है, जिसे दुःख ने नहीं सताया ?

चाणक्य नीति हिन्दी में :- अध्याय द्वितीय 1. झूठ बोलना, उतावलापन दिखाना, छल कपट, मूर्खता, अत्यधिक लालच, अशुद्धता और दयाहीनता, ये सभी दोष स्त्रियों में

चाणक्य नीति हिन्दी मे :- अध्याय प्रथम 1. इस शास्त्र का विधिपूर्वक अध्ययन करके यह जाना जा सकता हैं कि कौन – सा कार्य करना

अनानास – अनानास बहुत ही फायदेमंद फल होता हैं। यह खाने में भले ही किसीको इसका स्वाद पसंद ना हो पर यह हमारे शरीर के