पिप्पली – पिप्पली का उपयोग औषधियों के निर्माण में किया जाता हैं। पिप्पली के फलों के साथ इसका मूल जिसे पिप्पलामूल कहा जाता हैं। पिप्पली के फलों तथा मूल के साथ साथ इसके पत्तों का उपयोग पान की तरह किया जाता हैं। औषधीय उपयोगों मे पिप्पली का उपयोग सर दर्द खांसी गले से संबंधित बिमारी अपच बदहजमी बवासीर पेट में गैस आदि जैसी बिमारियों के लिए किया जाता हैं।
1. खांसी पेट में गैस बनाने पर आधा चम्मच पिप्पली का चूर्ण एक गिलास गाय के दूध के साथ लेने से खांसी पेट गैस मे आराम मिलता हैं।
2. दस्त आने पर पिप्पली के पाउडर को आधा चम्मच गर्म पानी के साथ लेने से आराम मिलता हैं।
3. थकान तथा यौन संबंधी कमजोर के लिए पिप्पली तथा हरड़ के पाउडर को शहद के साथ मिलाकर लेने से थकान और यौन कमजोर भी दूर हो जायेगी।
4. हिचकी आना गले में खराश और सांस लेने मे तकलीफ होने पर आधा चम्मच पिप्पली का पाउडर आधा चम्मच लौंग का पाउडर तथा आधा चम्मच चट्टान का नमक एक कप गर्म पानी में मिलाकर दस मिनट तक रख दें। फिर छान कर पीने से सारी समस्या खत्म हो जाती हैं।
5. अपच कोशिकाओं का पुनर्निर्माण करने मे पिप्पली काफी प्रभावी पाई जाती हैं। डेली पिप्पली का एक फल एक कप दूध के साथ लेना एक प्रभावी उपचायकारी होता है।
6. वमन की स्थिति में अच्छी प्रकार पिसी हुई आधा चम्मच पिप्पली मातुलुंग का जूस तथा शक्कर को एक चम्मच शहद के साथ मिलाकर खाने से इस बिमारी को ठीक किया जा सकता हैं।
7. इन्फ्लूएंजा होने पर पिप्पली का आधा चम्मच पाउडर दो चम्मच शहद तथा आधा चम्मच अदरक के रस के साथ दिन में तीन बार लेने से इन्फ्लूएंजा की समस्या खत्म हो जाती हैं।
8. हृदय रोग की समस्या को खत्म करने के लिए पिप्पली के प्रयोग से रक्त वाहनियों का विस्तार होता हैं।
9. जुकाम से राहत पाने के लिए पिप्पली के काढ़े मे शहद मिलाकर थोड़ा थोड़ा पीने से जुकाम मे आराम मिलता हैं।
10. कफ की सिकायत होने पर पिप्पली का प्रयोग करना चाहिए। पिप्पली कल्प का प्रयोग कफ में रामबाण की तरह काम करता है। एक गिलास दूध को 10 -15 मिनट तक उबाल लें। जब दूध गाढ़ा हो जाये तो एक पिप्पली दूध के साथ पी ले। ऐसा करने से कफ मे आराम मिलेगा।
11. दाँतों के दर्द के लिए पिप्पली के चूर्ण मे घी मिलाकर दाँतों पर लगाने से दाँत के दर्द में राहत मिलता हैं।
12. नींद न आने पर पिप्पली की जड़ को बारीक चूर्ण बनाकर चूर्ण की 1 – 3 ग्राम की मात्रा को मिश्री के साथ सुबह शाम खाने से नींद अच्छी आने लगती हैं।
13. चोट लगने से शरीर में दर्द होने पर आधा चम्मच पिप्पली की जड़ के चूर्ण को गर्म दूध या गर्म पानी के साथ सेवन करने से चोट से तुरंत आराम मिलेगा।
14. बार बार उल्टी आने पर पिप्पली आंवला मुनक्का वंशलोचन मिश्री और लाख को बराबर मात्रा में लेकर पीस ले। और 3 ग्राम मे 1 ग्राम घी और 4 ग्राम शहद मिलाकर दिन में तीन बार लेने से उल्टी में लाभ मिलेगा।
15. आँतों के रोग को ठीक करने के लिए पिप्पली जीरा कूठ बेर और गाय के गोबर को बराबर मात्रा में लेकर कांजी के साथ बहुत बरीक पीसकर लेप करने से लाभ मिलता हैं।