सौंफ – बहुत पहले से ही सौंफ को औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता हैं। सौंफ अत्यधिक सुगंधित स्वाद को बढ़ाने वाला होता हैं। भारत में सौंफ का इस्तेमाल बर्षों से किया जा रहा है। सौंफ के पौधे की ऊंचाई लगभग 3 से 4 फुट की होती हैं। सौंफ के पत्ते बहुत छोटे छोटे होते हैं।
1. पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए सूखे सौंफ का इस्तेमाल करना चाहिए।
2. सौंफ सूखी खांसी और जलन को ठीक करता है।
3. मासिक चक्र नियमित न आने पर गुड़ के साथ सौंफ को खाने से मासिक चक्र नियम पूर्वक आने लगता है।
4. एक गिलास पानी में एक चम्मच सौंफ डालकर उबाल लें। और एक से दो चम्मच पीलाने से शिशु का पेट ठीक हो जाता है।
5. सौंफ के पाउडर को चीनी के साथ बराबर मात्रा मे खाने से हाथों पैरों की जलन मे आराम मिलता हैं।
6. खाने के बाद 10 ग्राम सौंफ खाने से अपचन कब्ज सांस संबंधित समस्या नहीं होती हैं।
7. गर्भवती महिलाओं को पेट में जलन होने पर सौंफ का शराबत पीने से आराम मिलता हैं।
8. मतली होने पर सौंफ का सेवन करना चाहिए।
9. सौंफ मसालों का राजा माना जाता हैं। यही एक बात और कि यह बहुत सारे औषधि का भी राजा माना जाता हैं।
10. आंखों की रोशनी कम हो जाने पर सौंफ के पत्ते का सेवन करना चाहिए।
11. पेट मे आव या ऐठन व मरोड़ होने पर सौंफ का तेल 5 बूंद आधा चम्मच चीनी के साथ दिन मे चार बार खाने से पेट संबंधित समस्या खत्म हो जाती हैं।
12. बच्चे को दाँत निकलते समय समस्या होने पर दूध में सौंफ को डालकर उबाल लें। फिर छानकर दिन चार बार एक एक चम्मच पीलाने से दाँत सरलता से निकल आते हैं।
13. शरीर में खुजली होने पर धनिया और सौंफ के पत्ते को पीसकर डेढ़ गुना घी और दो गुना चीनी मिलाकर खाने से खुजली मे आराम मिलता हैं।
14. अत्यधिक बुखार होने पर सौंफ को पानी में उबालकर दो चम्मच पीने से बुखार का तापमान बढ़ता नहीं है।
15. जुकाम से परेशान होने पर 15 ग्राम सौंफ और 3 लौंग लेकर आधा किलो पानी में उबाल लें। जब एक चौथाई रह जाने पर छान लें। इसे चीनी मिलाकर पीने से जुकाम मे आराम मिलता हैं।