तुलसी- आयुर्वेद मे जड़ी बूटियों की रानी कही जाने वाली तुलसी बहुत गुणो से भरपूर हैं। शरीर के लिए अंदरूनी व बहरी दोनों रुपो मे लाभ कारी होता हैं। मौसमी व त्वचा रोगो के अलावा इसके पत्तों से प्रतिरोधक क्षमता बढाने मे उपयोगी हैं। इसकी खास बात यह है कि व्यक्ति की बीमारी के अनुसार काम करती हैं। तुलसी सर्दी-खासी से लेकर कई बडी और भयंकर बीमारियों मे भी एक बहुत अधिक औषधि हैं। ज्यादातर हिन्दू परिवारो मे तुलसी की पूजा की जाती है। तुलसी की जड़ शाखाओं पत्तियों और बीज सभी का अपना अपना महत्व हैं।
1.तुलसी के पाँच पत्ते डेली खाने से बरसात के मौसम में बुखार व जुकाम जैसी समस्या दूर हो जाती हैं।
2.मुहँ के छाले दूर करने के लिए तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संर्कमण दूर हो जाता हैं। और दांत भी स्वास्थ्य रहता हैं।
3.तुलसी अदरक को पीसकर शहद के साथ लेने से सर्दी के बुखार में राहत मिलती हैं। तुलसी के जड़ का काढ़ा बुखार दूर करता है।
4.मासिक धर्म का नियमित न आने पर तुलसी के पत्तीयाँ चबाने से मासिक धर्म के दौरान कमर दर्द हो रहा है। तो एक चम्मच तुलसी रस पीने से कमर दर्द को राहत मिलेगा।
5.गला बैठन ठीक करती हैं। तुलसी की हरी पत्तियों को आग पर सेक कर नमक के साथ खाने से खांसी और गला बैठने की बीमारी खत्म हो जाती हैं।
6. खांसी जुकाम मे तुुलसी के पत्ते अदरक और काली मिर्च से तैैयार की हुुई चाय पीने से जल्द आराम मिलता है।
7. दम टीवी मे तुलसी बहुत लाभकारी सवित होता हैं। तुलसी के रोजाना प्रयोग से दमा टीवी नहीं होती हैं। तुलसी को दमा का औषधि कहा गया है।
8. कब्ज हो तो काली तुलसी का रस 10 ग्राम और गाय का घी 10 ग्राम दोनों को एक कटोरी मे गुनगुना करके इसे पूरी मात्रा को दिन में दो या तीन लेने से कब्ज से लाभ मिलता है।
9. झाइयां ठीक होने के लिए तुलसी पत्तियों का रस नीबू का रस बराबर मात्रा मे मिलाकर रात को चेहरे पर लगाने से झाइयां नही रहती मुहासे भी ठीक होते है।
10. तुलसी के रस को दाद खुजली और त्वचा वाले भाग पर लगाने से कुछ दिनों के बाद रोग दूर हो जाता हैं।
11. तुलसी रामबाण की तरह कुष्ट रोग या कोढ मे फायदा करती तुलसी की पत्तियां तथा रस को रोग वाले स्थान पर लगाना चाहिए।
12. तुलसी के पत्ते का पेस्ट बनाकर घाव वाले स्थान पर लेप लगाने से घाव जल्दी भरता है।
13. आँखों में दर्द और जलन होने पर तुलसी का रस डालने से आँखों का दर्द ठीक हो जाता और विटामिन ए की कमी भी दूर होती है।
14.किडनी की पथरी मे तुलसी की पत्तियो को उबालकर छान लें और बने हुए जूस को शहद के साथ रोजाना 6 महीने तक प्रयोग करने से पथरी मूत्र के मार्ग से बाहर निकल जाता हैं।
15. दिल रोग को ठीक करती हैं तुलसी पांच काली मिर्च और चार बदाम गिरी तुलसी के दस पत्ते पूरा पीसकर आधा गिलास पानी में मिलाकर एक चम्मच शहद के साथ लेने से सभी प्रकार के दिल